महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की संपूर्ण जानकारी

क्या आप जानते हैं महाकालेश्वर धाम के बारे में
नहीं जानते तो बने रहिए इस लेख पर हम आपको इस लेख पर महाकालेश्वर धाम के बारे में बारीक से बारीक संपूर्ण जानकारी देंगे

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर
             महाकालेश्वर मंदिर के बारे में आप निम्न बातें जानेंगे
◆  महाकालेश्वर मंदिर कहां है
◆ महाकालेश्वर मंदिर किसने बनवाया
◆ महाकालेश्वर मंदिर की कथा
◆ भगवान यहां आकर कैसे बिराजे
◆ महाकालेश्वर कब घूमने जाना चाहिए
◆ महाकालेश्वर मंदिर की विशेषता
 

            ★★महाकालेश्वर मंदिर कहां है ★★
महाकालेश्वर मंदिर के बारे में जानने से पहले हम महाकाल का जयकारा लगाएंगे बोलो सभी जय महाकाल
           महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर में स्थित है जोकि 1 ज्योतिर्लिंग है जिसमें साक्षात भगवान महाकालेश्वर विराजमान है शिप्रा नदी के तट पर बसा उज्जैन महाकाल बाबा का निवास स्थान है और ऐसा माना जाता है कि उज्जैन के राजा महाकाल है
  ★★ महाकालेश्वर मंदिर किसने बनवाया★★
       

  पुराणों में वर्णित लेख के अनुसार- महाकालेश्वर मंदिर की स्थापना द्वापर युग में किया गया जो कि भगवान श्री कृष्ण के पालनहार नंद जी की 8 पीढ़ी पूर्व हुआ था
            इसके बाद इस मंदिर का पुनर्निर्माण अलग-अलग राजाओं के द्वारा अपने-अपने समय काल में किया गया

        ★★ महाकालेश्वर मंदिर की कथा★★
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पुराणों के अनुसार उज्जैन नगरी का राजा चंद्रसेन था जोकि शिवभक्त था चंद्रसेन राजा की मित्रता मणिभद्र नामक एक गढ़ से थी 1 दिन मणिभद्र राजा को अमूल्य चिंतामणि प्रदान की जिसक धारण करने के बाद चंद्रसेन राजा का प्रभुत्व आने लगा उसका ऐश्वर्या दूर-दूर तक फैलने लगा जब यह बात दूसरे राजाओं को बात पता चली तो उस मणि को पाने की लालसा में कुछ राजाओं ने चंद्रसेन पर हमला कर दिया जिससे चंद्रसेन भागकर महाकाल की शरण में आ गया और उनकी घोर तपस्या करने लगा कुछ समय बाद वहां पर एक मां अपने बच्चों के साथ पहुंची 5 साल के बालक मैं जब राजा को शिव भक्ति में लीन  देखा तो वह भी उस से प्रेरित होकर भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गया और पूजा करने जिससे वह बालक भगवान की आराधना में इतना लीन हो गया कि मां जब उसे भोजन देने के लिए आवाज लगा रही थी तो उनकी आवाज को भी सुन नहीं पा रहा था इस बात से गुस्सा होकर माने उसे पीटने लगी और पूजा सामग्री सब इधर-उधर फेंक दी मां के इस व्यवहार को देखकर बेटा बहुत दुखी हुआ इसी बात को लेकर वहां एक चमत्कार हुआ भगवान शिव की कृपा से वहां एक सुंदर मंदिर का निर्माण हुआ जिससे दिव्य शिवलिंग आ गया और उस पर बालक द्वारा अर्पित पूजा सामग्री यथावत स्थान पर स्थित थी और इस प्रकार महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के उत्पत्ति हुई इस घटना से बालक की मां आश्चर्यचकित रह गई और जब यह बात राजा चंदन सेन को पता चली तो वह भी भगवान के दर्शन करने के लिए वहां पहुंच गया चंद्रसेन पर जो राजा हमला करने के उद्देश्य से उसके पीछे पड़े हुए थे वह भी अपना उद्देश्य छोड़कर युद्ध का मार्ग छोड़ देते हैं और भगवान की शरण में आ जाते हैं इस घटना के बाद भगवान महाकाल उज्जैन नगरी में वास करने लगे तभी से भगवान महाकाल वहां के राजा कहलाते हैं

भगवान महाकाल यहां आकर कैसे बराजे★★
   भगवान महाकाल की है कथा आपने ऊपर पढ़ ली है
    ★★ महाकालेश्वर मंदिर की विशेषता ★★

महाकालेश्वर मंदिर एक अपने आप में विशेषता रखता है और इसकी प्रमुख विशेषता की बात की जाए तो महाकालेश्वर मंदिर में जो मूर्ति स्थित है वह दक्षिण मुखी है इसके कारण इसे दक्षिणामूर्ति मानी जाती है यह एक अनूठी विशेषता है जिसके कारण यह तांत्रिक परंपरा द्वारा केवल 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर में पाया जाता है महाकाल मंदिर के ऊपर गर्भ ग्रह में ओमकारेश्वर शिव की मूर्ति प्रशिक्षित दिखाई देगी

★★ महाकालेश्वर मंदिर कब घूमने जाएं ★★
वैसे तो बाबा महाकालेश्वर मंदिर जाने का समय सभी अच्छा है परंतु इंसान की संयोजक के ध्यान में रखते हुए देखा जाए तो उज्जैन नगरी में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है और ठंड के समय बहुत ज्यादा ठंड इसलिए उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर घूमने जाने का उत्तम समय मार्च से अप्रैल और नवंबर से अक्टूबर के महीनों का होता है

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